ग्राम समाचार,चांदन,बांका। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का ड्रीम प्रोजेक्ट की एक पोटली बनाई थी जिसका नाम दिया था सात निश्चय योजना, उसी प्रोजेक्ट में था हर घर नल जल योजना, जिसके माध्यम से हर घर को जल के जरिए जल पहुंचने का लक्ष्य रखा गया था। मगर योजना का हाल यह है कि कहीं मीनार खड़ी है तो कहीं टंकी नहीं कहीं टंकी भी लगी है तो बोरिंग फेल कहीं मोटर जला हुआ है तो कहीं पूरे वार्ड में अभी तक कनेक्शन नहीं पहुंच पाया है। ऐसे ही दास्ताँ चांदन प्रखंड के विभिन्न पंचायत सहित कुसुम जोरी पंचायत के वार्ड नंबर दो गोरिअंबा गांव से सामने आई है, बतादें की 12 लाख 22 हजार 400 सौ रुपए लागत से वार्ड क्रियान्वयन प्रबंधन समिति के सौजन्य से बना जल मीनार विगत छ महीने से खुद बीमार होकर गांव की शोभा मात्र बन कर रह गई है।
जल मीनार का आलम यह की लाखों रुपए खर्च करने के बावजूद जल मीनार में फिल्टर नहीं लगाया गया है। हरी साह, श्रीकांत शाह अभिमन्यु शाह, आदि ग्रामीणों का कहना है कि जल मीनार से आज तक पर्याप्त रूप से पानी नहीं मिल पाया है. घटिया किस्म के मोटर एवं स्टेबलाइजर लगा देने से बारबार खराब हो जाती है. जल मीनार के ऊपर पानी चढ़ाने वाला पाइप भी जहां- तहां फट कर लीकेज हो गया है. लेकिन विभागीय उदासीनता के कारण विगत छ: महिना से जल मीनार से पानी सफलाई बंद है। बावजूद सरकार और जिला प्रशासन रोज नये नये कानून लागू कर किसी भी गांव पानी सप्लाई से वंचित नही रहने की दावा करते हैं। जलमीनार से पानी सफलाई बंद रहने से हम ग्रामीणों को पानी पीने के लिए भारी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा। इतना ही नही पंप संचालक ने बताई मेरे ही जमीन पर जलमीनार बनाया गया है जो छ: बितने चला है लेकिन इतना दिन में 6 महीने पहले मंत्र ₹24000 ही वेतन दिया गया है जबकि विभाग से बताया गया था कि ₹2000 मासिक वेतन दिया जाएगा।
उमाकांत साह,ग्राम समाचार संवाददाता,चांदन।
0 comments:
एक टिप्पणी भेजें