रेवाडी़ डीसी एवं जिला निर्वाचन अधिकारी राहुल हुड्डा ने बताया कि लोकसभा आम चुनाव के तहत चुनाव रैलियों के लिए राजनैतिक पार्टियों व चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों को चुनाव आयोग से स्कूल व कॉलेजों के खेल के मैदान का उपयोग करने के लिए अनुमति नहीं दी जाएगी। उन्होंने स्पष्ट किया है कि हरियाणा व पंजाब को छोडक़र अन्य प्रदेशों व केंद्र शासित प्रदेशों में स्कूल प्रबंधन की अनुमति से स्कूल व कॉलेजों के खेल मैदान उपयोग किया जा सकेगा। पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय द्वारा इस मुद्दे पर व्यक्त निषेध (एक्सप्रेस प्रोहिबिशन) लगा रखा है।
जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि चुनाव प्रचार के दौरान जाति, धर्म, समुदाय के आधार पर मतदाताओं की भावनाओं को प्रभावित नहीं किया जाएगा और चुनाव प्रचार के दौरान उच्च मानदंडों का बनाए रखना होगा। उन्होंने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 19 (1) (अ) के तहत भारत के नागरिकों को अभिव्यक्ति की आजादी का अधिकार है, परंतु आदर्श चुनाव आचार संहिता का उद्देश्य इसके विभिन्न प्रावधानों के तहत निहित है। उन्होंने बताया कि चुनाव प्रचार के दौरान किसी मंदिर, मस्जिद, चर्च, गुरुद्वारा या अन्य धार्मिक का चुनाव प्रचार के लिए प्रयोग नहीं किया जा सकेगा और न ही इनमें भाषण, पोस्टर, संगीत, चुनाव से संबंधित सामग्री का उपयोग नहीं किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि चुनाव प्रचार के दौरान रक्षा कर्मियों के फोटो या विज्ञापनों में रक्षा कर्मियों के कार्यक्रमों के फोटो का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा।
जिला निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि स्टार प्रचारकों द्वारा चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन के मामले में भी भात निर्वाचन चुनाव आयोग ने की ओर से मुख्य निर्वाचन अधिकारी, जिला निर्वाचन अधिकारियों, रिटर्निंग अधिकारियों, पर्यवेक्षकों को कार्रवाई करने के निर्देश दिए हुए हैं। भारत चुनाव आयोग की ओर से मुख्य निर्वाचन अधिकारी और जिला निर्वाचन अधिकारियों को चुनाव आचार संहिता उल्लंघन के मामलों की निगरानी करने के लिए पार्टियों के हिसाब से एक रजिस्टर लगाना अनिवार्य किया गा है। रजिस्टर में उम्मीदवार, प्रचारक तथा राजनीतिक पार्टी का नाम दर्ज करना होगा और एक उल्लंघन की तिथि, कार्यवाही, निर्वाचन कार्यालय या चुनाव आयोग द्वारा पारित आदेशों के संक्षिप्त टिप्पणी दर्ज करनी होगी।
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