ग्राम समाचार, गोड्डा ब्यूरो रिपोर्ट:- पथरगामा प्रखंड के कस्तूरिया ग्राम पंचायत में दर्जन भर मजदूर सचिन यादव के तालाब का घास छीलते पाए गए। मौके पर उपस्थित वार्ड सदस्य ज्ञानी महतो ने बताया कि यहां पहले से तालाब है। योजना में धांधली उजागर होने के बाद यहां ठेकेदार की ओर से तीसरे दिन मजदूर लगाकर तालाब से घास छिलवाया जा रहा है। कस्तूरिया पंचायत के उपमुखिया प्रतिनिधि वीरेंद्र साह ने बताया कि कस्तूरिया पंचायत की योजनाओं का बंदरबाट हो रहा है। कागज पर योजना पास कर रुपये की निकासी कर ली जाती है। कागज पर 981 मजदूरों का काम दिखाकर कुल 2,60,763 रुपये की निकासी की गई है। प्रखंड विकास पदाधिकारी को शिकायत करने पर मामले में लापरवाही बरती गई। इसके बाद आनन-फानन में तालाब छिलवाया जा रहा है। इसमें कस्तूरिया पंचायत सहित विभिन्न प्रखंड से दर्जनभर मजदूरों को बुलाकर काम पर लगाया गया है। इसलिए इसबार उपायुक्त जिशान कमर और उप विकास आयुक्त स्मिता टोप्पो से शिकायत की गई है ताकि दोषी ठेकेदार और पदाधिकारी के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई हो सके। मनरेगा योजना में बंदरबांट को लेकर जिला पदाधिकारी को पत्र लिखकर पंचायत सचिव पंकज सिंह, रोजगार सेवक शिव नरेश और मुखिया मालोति मुर्मू की शिकायत की गई है।
योजना स्थल पर योजना बोर्ड भी नही लगाया गया था। जब योजना में काम कर रहे मजदूरों से पूछा गया तो बताया की हमलोग का घर बोआरीजोर प्रखंड में बड़ा डूमहिल पंचायत पड़ता है। हमलोगो को तालाब में काम करने के लिए बोला गया हमलोग का मजदूरी 370 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से दिया जाता है।मनरेगा अधिनियम में मजदूर का भुक्तान मजदूर के खाते में होती है पर यहां पर नियम की धज्जियां उड़ाई जा रही है। कार्य कर रहे मजदूरों ने बताया की वो 3 दिनो से कार्य कर रहे है और मनरेगा के ऑनलाइन में 981 मजदूरों ने कार्य किया है । इस योजना में पूरा का पूरा सिस्टम ही भ्रष्टाचार से लिप्त लग रहे है। मनरेगा योजना के सभी नियमों का उलघन किया जा रहा है और विभाग ने भी अब तक चुप्पी साधे बैठी है।
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