- नीट-यूजी 2024 में 24 लाख बच्चे परीक्षा में थे शामिल।
- 1563 छात्रों के अंकों की फिर से होगी जांच।
- एनटीए ने कहा एक हफ्ते में आएगी जांच की रिपोर्ट, छात्र कर रहे प्रदर्शन।
केंद्र सरकार ने नीट यूजी में ग्रेस अंक विवाद को फिर से जांचने के लिए 4 सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। उक्त जानकारी नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ने दी। एनटीए के डायरेक्टर जनरल सुबोध कुमार सिंह ने बताया कि कमेटी से एक हफ्ते में रिपोर्ट देने को कहा गया है। इसके बाद यह तय होगा कि आगे क्या करना है। नीट यूजी 2024 के रिजल्ट पर सवाल उठ रहे हैं। एनटीए ने 1563 छात्रों को ग्रेस मार्क दिए हैं। आरोप है कि इससे 67 छात्रों की ऑल इंडिया रैंक 1 आई। नीट-यूजी 2024 में 24 लाख बच्चे बैठे थे। रिजल्ट 4 जून को आया था। डायरेक्टर जनरल सिंह ने बताया कि हमारी कमेटी 1563 कैंडीडेट्स और 6 सेंटर्स की जांच करेगी, जहां ग्रेस मार्क्स मिले हैं। हमारे पास सेंटर्स की मॉनिटरिंग के लिए सीसीटीवी हैं। सेंटर्स की रिपोर्ट्स भी हैं।
ये सेंटर्स मेघालय, बहादुरगढ़ (हरियाणा), दंतेवाड़ा, बालोद (छत्तीसगढ़), सूरत (गुजरात) और चंडीगढ़ के हैं। इस बीच रिजल्ट में गड़बड़ियों के विरोध में दिल्ली और कलकत्ता हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई हैं। परीक्षा में टॉपर्स की बढ़ी हुई संख्या, मार्किंग स्कीम से अलग ग्रेस मार्क्स देना, उत्तर की में बदलाव और परीक्षा से पहले ही पेपर लीक जैसे आरोप लगाए गए हैं। सिंह ने कहा, स्टूडेट्स को ग्रेस अंक देने से नतीजों या क्वालिफाइंग क्राइटेरिया पर कोई फर्क नहीं पड़ा है। उन्होंने बताया कि यह मसला सिर्फ 1563 स्टूडेंट्स का है। पेपर 23 लाख से ज्यादा बच्चों ने दिया था। 4750 सेंटर की बजाय सिर्फ 6 सेंटर का मामला है। कमेटी 1563 स्टूडेंट्स को दिए गए ग्रेस मार्क्स और टाइम लॉस की जांच करेगी। जरूरत पड़ी तो रिजल्ट संशोधित किया जाएगा।
0 comments:
एक टिप्पणी भेजें