गुरुग्राम में भदावर वंश के कुलदीपक महाराजा रज्जू राव जी की 816 वीं जयंती* राजपूत वाटिका गुड़गांव में रविवार को हर्षोल्लास से मनाई गई। आयोजन हरियाणा राजपूत प्रतिनिधि सभा प्रवासी प्रकोष्ठ संयोजक कुंवर संजय सिंह बिष्ट व संजीव सिंह भदोरिया के सौजन्य से किया गया। सभा के सदस्यों ने महाराजा रज्जू राव जी की जयंती पर उनके चित्र पर पुष्प अर्पण, दीप प्रज्वलन एवं स्वरांजली अर्पित की गई । जयन्ती अवसर पर राजपूत वाटिका में वृक्षारोपण कर पर्यावरण की शुद्धता का भी सामुहिक संकल्प लिया गया।
इस अवसर पर हरियाणा राजपूत प्रतिनिधि सभा के अध्यक्ष राव नरेश चौहान राष्ट्रपूत, प्रवासी प्रकोष्ठ प्रदेश संयोजक कुंवर संजय सिंह बिष्ट, मुख्य अतिथि डीपी गोयल संस्थापक कैनविन फाउंडेशन गुड़गांव एवं सभा के गणमान व्यक्तियों पूर्व डीआईजी पी एस राघव, ठाकुर संतोष सिंह, आनंद सिंह चौहान, रविंद्र सिंह भदौरिया, अनिल सिंह भदौरिया, ओमवीर सिंह चौहान, नरेंद्र सिंह चौहान, संजीव चौहान,एक्टर राज चौहान, राजवीर चौहान एवं अनेक सहयोगियों ने आयोजन में अपने विचार प्रस्तुत किये।
*भदावर वंश के कुलभूषण महाराजा रज्जू राव जी* जीवन के विषय में विस्तार पूर्वक चर्चा की गई।
श्री संजीव सिंह भदौरिया द्वारा महाराजा रज्जू राव जी के जीवन के विषय में सभी को अवगत कराया गया।
*जब भदावर वंश के किले पर आक्रमण प्रथम सुल्तान कुतुबुद्दीन ऐबक ने किया था* तब 3 दिन तक घनघोर युद्ध हुआ, राजा शल्यदेव भदौरिया जी वीरगति को प्राप्त हुए,
उनकी दो रानियां ने जोहर किया एक रानी जो आठ माह के गर्व से थी वह वंश रक्षा करने के लिए जीवित रही, *आचार्य घनश्याम दास एवं भूपत मिर्धा जाट* ने किले की सुरंग के रास्ते उनको मायके फतेहपुर सिकरी पिता महाराजा सिकरवार जी के पास ले गए।
एक माह के उपरांत रानी ने पुत्र को जन्म दिया, जिनका नाम रज्जू राव भदौरिया रखा गया। इनका लालन पालन ननिहाल फतेहपुर सीकरी में हुआ। इन्होंने अपने युद्ध कौशल से अपनी सैन्य शक्ति एकत्रित की एवं महाराजा रज्जू राव भदौरिया ने 1246 में हतिकातं पर धावा वोला और हथिया मेवो के सर धड से अलग कर अपना किला कब्जे में ले लिया तब उन्हें *भदावर रियासत का राजा* घोषित कर दिया गया।*अगर उनके द्वारा इस अल्प आयु में यह संघर्ष न किया गया होता* तो भदौरिया वंश का लोप हो जाता।
आयोजन में बाबूदान सिंह तंवर, दिनेश सिंह रावत, जितेंद्र सिंह नेगी, श्रीमती छाया देवी, सुब्रता डाटा, अजंता, कमल सिंह परमार, शिव प्रताप सिंह, ए एस मिश्रा, अशोक सैनी, अनूप चौहान, अभिमन्यु तोमर, धनंजय भदोरिया गजेंद्र बस केपी सिंह प्रदीप सिंह चौहान कुलदीप सिंह आदि सहित बड़ी संख्या में गुड़गांव, रेवाड़ी फरीदाबाद, धारूहेड़ा के प्रवासी समाज के लोगों के द्वारा जयंती प्रोग्राम में भाग लिया एवं पौधारोपण में भागीदारी की। भदावर समाज की तरफ से सभी का आभार व्यक्त किया गया ।
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