ग्राम समाचार, पाकुड़ ब्यूरो रिपोर्ट:- रविवार हुल दिवस के अवसर पर सिदो-कान्हू पार्क में उपायुक्त मृत्युंजय कुमार बरणवाल, पुलिस अधीक्षक प्रभात कुमार, परियोजना निदेशक, आईटीडीए अरुण कुमार एक्का, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी राहुल कुमार, श्रम अधीक्षक रमेश प्रसाद सिंह समेत अन्य पदाधिकारियों ने सिद्धो-कान्हू के प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धासुमन अर्पित किया तथा सिदो-कान्हू, चाँद-भैरव समेत हूल विद्रोह के सभी सेनानियों को नमन किया। उपायुक्त मृत्युंजय कुमार बरणवाल ने कहा कि 30 जून 1855 को सिद्धो-कान्हू ने अंग्रेंजो की गुलामी एवं शोषण से मुक्ति के लिए क्रांति का बिंगुल फूंका था। हूल विद्रोह जनजातीय समाज की अंग्रेजों के खिलाफ आजादी के लिए प्रथम जनक्रांति थी। सिद्धो-कान्हू के आह्वान पर हजारों संथाल आदिवासी अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह में शामिल हुये तथा अपने प्राणों की आहुति दी। हूल विद्रोह ने अंग्रेजी शासन की नींव हिला दी थी। उन्होंने कहा कि वीर शहीदों की कुर्बानी को कभी भूलाया नहीं जा सकता है।
Pakur News: उपयुक्त, एसपी एवं डीडीसी ने सिद्धो कान्हो के प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धा सुमन अर्पित किया
ग्राम समाचार, पाकुड़ ब्यूरो रिपोर्ट:- रविवार हुल दिवस के अवसर पर सिदो-कान्हू पार्क में उपायुक्त मृत्युंजय कुमार बरणवाल, पुलिस अधीक्षक प्रभात कुमार, परियोजना निदेशक, आईटीडीए अरुण कुमार एक्का, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी राहुल कुमार, श्रम अधीक्षक रमेश प्रसाद सिंह समेत अन्य पदाधिकारियों ने सिद्धो-कान्हू के प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धासुमन अर्पित किया तथा सिदो-कान्हू, चाँद-भैरव समेत हूल विद्रोह के सभी सेनानियों को नमन किया। उपायुक्त मृत्युंजय कुमार बरणवाल ने कहा कि 30 जून 1855 को सिद्धो-कान्हू ने अंग्रेंजो की गुलामी एवं शोषण से मुक्ति के लिए क्रांति का बिंगुल फूंका था। हूल विद्रोह जनजातीय समाज की अंग्रेजों के खिलाफ आजादी के लिए प्रथम जनक्रांति थी। सिद्धो-कान्हू के आह्वान पर हजारों संथाल आदिवासी अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह में शामिल हुये तथा अपने प्राणों की आहुति दी। हूल विद्रोह ने अंग्रेजी शासन की नींव हिला दी थी। उन्होंने कहा कि वीर शहीदों की कुर्बानी को कभी भूलाया नहीं जा सकता है।
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