केन्द्र सरकार के इस बजट में महंगाई को कम करने व प्रतिवर्ष 2 करोड़ युवाओं को रोजगार के वादे पर कुछ खास देखने को नहीं मिला, युवा पीढ़ी रोजगार व्यापार के लिए सरकार से गारंटी कि उम्मीद लगाए बैठा है। सरकार को शिक्षित व स्वस्थ भारत के लिए भी काम करने व बजट के प्रावधान को बढ़ाने का काम करने कि आवश्यकता है।
किसान कि आय दुगनी, शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, पानी, रोजगार का सपना पूरा होने पर ही भारत विकसित भारत बन सकता है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने तीसरे कार्यकाल में पेश किए गए इस बजट में महिलाओं के लिए कुछ देखने को नहीं मिला।
ऑनलाइन के बढ़ते व्यापार के कारण बाज़ार में बैठे दुकानदार का व्यापार घट रहा है इस पर सरकार ने कोई ध्यान नहीं दिया, जीएसटी से व्यापारी परेशान है, बजट में समाधान जरूरी था। पूरा बजट देश के हर वर्ग व खासकर हरियाणा वासियों के लिए हताशा व निराशा भरा रहा।
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