रेवाड़ी में एस यू सी आई कम्युनिस्ट के राज्य सचिव कॉमरेड राजेन्द्र सिंह एडवोकेट ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि हरियाणा सरकार ने प्रदेश की पंचायत संस्थाओं की आर्थिक स्वायत्ता को छीन लिया था। एस यू सी आई कम्युनिस्ट ने उसकी सख्त निंदा करते हुए तब इसे घोर अलोकतांत्रिक और पंचायत संस्थाओं का गला घोटने वाला कदम करार दिया था। विधानसभा चुनावों को नजदीक देख अब सरकार ने अपने कदम कुछ हद तक पीछे हटाते हुए 21 लाख रुपए तक का काम बिना टेंडरिंग के करवाने का अधिकार पंचायतों को देकर उन्हें मनाने व खुश करने की कोशिश की है। जबकि सरकार द्वारा पंचायतों को जारी नोटिफिकेशन में पंचायत की कुल वार्षिक आय का केवल 50 प्रतिशत ही खर्च करने का अधिकार दिया गया है। सरकार ने पहले पंचायती राज संस्थाओं को गला घोटकर मारने का काम किया था और सरपंच समेत तमाम पंचायती संस्थाओं को अब नया फरमान जारी कर मामूली सी राहत देकर महज कुछ सांस लेने की ही छूट दी है। एस यू सी आई कम्युनिस्ट का मत है कि पंचायत राज संस्थाएं लोकतंत्र की प्राथमिक इकाई है जिन्हें मजबूत करने की जरूरत पर लम्बे अरसे से आवाज उठाई जाती रही है। आर्थिक बंदिश लगाना पंचायत राज संस्थाओं की स्वयात्ता का हनन करना है। इसे नजरांदाज नहीं किया जा सकता। एस यू सी आई कम्युनिस्ट ने सरकार से मांग की है कि पंचायत फंड को खर्च करने की शक्ति पूर्ण रूप से पंचायत संस्थाओं के पास ही रहनी चाहिए और गांव के विकास कार्यों में नाजायज हस्तक्षेप बन्द होना चाहिए। इसके अलावा उन्होंने पंचायतों के कामकाज में गांव स्तर पर शासक पार्टी के गुर्गों के हस्तक्षेप की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि भाजपा की प्रदेश सरकार द्वारा विधायकों के प्रत्यक्ष हस्तक्षेप से अब पंचायतें उनके हाथों की खिलौना बन कर रह जाएंगी। पहले ही पंचायतें सरकार और अफसर शाही के नाजायज दखल से आक्रांत रही हैं। इस पर रोक लगाये बिना पंचायतों के ग्राम हितैषी स्वरूप को बचाया नहीं जा सकेगा। यह एक गम्भीर मसला है। एसयूसीआई कम्युनिस्ट इसके लिए जनमत जागृत करती रहेगी।
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Rewari News : एस यू सी आई कम्युनिस्ट ने सरकार द्वारा पंचायती राज संस्थाओं की स्वायत्तता छीनने की निंदा की
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