यंग मैन्स एसोसियेशन आफ इंडिया द्वारा संस्था के आटो मार्किट स्थित कार्यालय में भारत के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के नायक अमर शहीद मंगल पांडे को संस्था के पदाधिकारियों एवं सदस्यों द्वारा उनकी जयन्ती पर भावभीनी श्रृद्धांजलि अर्पित करते हुए उन्हें याद किया गया। अमित स्वामी ने कहा कि मंगल पांडे भारत के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के राष्ट्रनायक थे। 19 जुलाई 1827 को उत्तर प्रदेश के बलिया जिला के नगवा गांव में माता अभय रानी तथा पिता दिवाकर पांडे के यहां जन्मे मंगल पांडे 22 वर्ष की उम्र में ईस्ट इंडिया कम्पनी की सेना में भर्ती हुए। जब ईस्ट इंडिया कम्पनी द्वारा सैनिकों को एफील्ड पी-53 राइफल का इस्तेमाल करने के लिए कहा गया जिसमें गोली भरने के लिए दांतो से कारतूस को खोलना पड़ता था जिसके लिए यह प्रचलित था कि इन कारतूसो के ऊपर लगे कवर में सूअर और गाय की चर्बी का प्रयोग किया जाता है।
यहीं से मंगल पांडे ने इस बात का विरोध किया और वे समझ गए थे कि यही मौका है लोगों में स्वतंत्रता की चिंगारी जलाने का। मंगल पांडे ने अपने साथियों के साथ विद्रोह कर दिया और यह विद्रोह भारत के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की नींव बन गया और अंग्रेजी सरकार की चूलें हिल गई। 29 साल की उम्र में 8 अप्रैल 1857 को उन्हें फांसी दे दी गई थी। राष्ट्र सदैव अपने इस नायक का कृतज्ञ रहेगा। इस अवसर पर ईश्वर पहलवान, सोनू यादव, रविन्द्र कुमार, पारस चौधरी, गौरव हरित, ललित गुप्ता, मनीष गुप्ता, सुरेश शर्मा, रमेश शर्मा, खुशी राम, अशोक कुमार, सुरेश पहलवान आदि उपस्थित थे।
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