पूर्व वित्त मंत्री कैप्टन अजय सिंह यादव ने बजट पर अपनी प्रतिक्रिया देेते हुए कहा कि वित्त मंत्री ने जैसा बजट पेश किया है उससे ऐसा लगता है कि बजट नही बल्कि प्रधानमंत्री सरकार बचाओ योजना लग रही है। बिहार और आंध प्रदेश का फंड आवंटन किया है क्यों इन्ही प्रदेशों की बैसाखी पर मोदी जी की सरकार चल रही है। जबकि इस वर्ष हरियाणा, महाराष्ट्र, झारखंड प्रदेश में होने वाले चुनाव में भाजपा सरकार ने अपनी हार मान ली है तभी इन प्रदेशों को कुछ नही दिया गया है। मोदी सरकार के इस बजट में आंध प्रदेश को 15 हजार करोड और बिहार को 59 हजार करोड का बजट में आवंटन किया है। जिससे पहले ही बजट में गठबंधन की सरकार की झलक देखने को मिली है। पहले उडीसा के लिए भी मोदी सरकार ने करोडों रूप्ये की घोषणा की थी लेकिन उन्हें आज तक नही मिला। श्री यादव ने बजट को निराशाजनक बताया है, इस बजट में जनता को राहत देने वाला कुछ भी नही है। केवल आंकडों की बाजीगरी है। यह बजट अपने पुराने ढर्रे पर कुछ मुटठी भर अमीरों को छोडकर देश के गरीब, बेरोजगार, किसान, महिलाओं, वंचितों को मायूस करने वाला है। देश में छाई गरीबी, बेरोजगारी, मंहगाई और 125 करोड से अधिक कमजोर तबके के उत्थान के लिए बजट में कुछ भी नही हैै।
पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार ने किसान के साथ संकट पैदा कर दिया है। पिछले 10 साल में बेरोजगारी बढी है, केंद्र सरकार युवाओं को आधी अधूरी नौकरी दे रही है जबकि देश का नौजवान पक्की नौकरी चाहता है। श्री यादव ने कहा कांग्रेस के जिस घोषणा पत्र पर प्रधानमंत्री आरोप लगाते थे आज बजट में हमारे घोषणा पत्र की न्याय की काॅपी की गई है इसलिए मोदी सरकार को आइडिया के लिए कांग्रेस का धन्यवाद करना चाहिए। टैैक्स में जो छूट दी गई है उससे तो केवल पोरथ क्लास के लोगों को ही थोडा बहूत फायदा होगा उसके अलावा तो नौकरी वालों कोई राहत ही नही दी गई है। जो नौकरी देने की बात की गई है उसके यह नही बताया कि नौकरी पक्की देंगें या फिर कच्ची नौकरी ही देंगें क्योंकि हरियाणा मे पक्की नौकरी देने की बजाय हरियाणा कौशल निगम बना दिया है जिसमें कच्ची नौकरी दी जाती हैैं। श्री यादव ने कहा कि बजट में एस वाई एल का तो जिक्र ही नही किया गया है जबकि कोर्ट के आदेश के बावजूद भी एस वाई एल का निमार्ण नही किया गया है। हांसी बुटाना लिंक ब्रांज का कोई जिक्र नही है आखिर लोगों को पानी कैसे मिलेगा। 3 करोड मकान दिए जाएगें तो फिर हरियाणा के लोगों को उसमें से कितने मिलेगें यह कोई जिक्र नही है। न्यूतम समर्थन मूल्य के लिए कोई जिक्र नही है जबकि किसानों ने कितना बडा आंदोलन किया था। कुल मिलाकर यह दिशाहिन बजट है जिसमें किसान, मजदूर, छोटे व्यापारी किसी को कोई फायदा नही होने वाला है। छोटे व्यापारियों को कहां से लोन मिलेगा यह कोई जिक्र नही है। गैस सिलेंडर, बिजली के बिलों पर कोई राहत देना चाहिए था।
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