कनीना के उन्हानी गाँव के पास हुए हृदयविदारक स्कूल बस हादसे में मृत 6 स्कूली बच्चों के माता-पिता को न्याय के लिए दर-दर की ठोकरें खानी पड़ रही हैं। बीते 4 महीने में परिजन स्थानीय विधायक सीताराम यादव, लोकसभा सांसद चौधरी धर्मवीर, मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, सांसद राव इंदरजीत सिंह और देश के प्रधानमंत्री के सामने न्याय की गुहार लगा चुके हैं। अभी बच्चों की चिता ठंडी भी नहीं हुई थी कि दोषियों को जमानत दे दी गई। मृत बच्चों के माता-पिता पिछले 4 महीने से माँग कर रहे हैं कि इस मामले की जाँच माननीय उच्चतम न्यायालय की निगरानी में कराई जाए। जो आर्थिक सहायता के नाम पर 3-3 लाख रुपए परिजनों को मिले हैं, परिजन उन्हें लौटाना चाहते हैं।
परिजनों का कहना है कि हमे सिर्फ़ न्याय चाहिए, हादसे के समय भाजपा सरकार ने आश्वासन दिया था कि लोकसभा चुनाव आचार संहिता हटने के बाद उनकी माँग पूरी कर दी जाएगी। लेकिन परिजनों का कहना है कि उनके साथ सरकार ने वादा-खिलाफी की है।
संदीप यादव ने कहा, इन बच्चों की जान बचाई जा सकती थी, स्कूल बस ले जाते वक्त ड्राइवर ने 4-5 बार गलती की थी। इससे ऐसा लगता है कि बच्चों को जानबूझकर मौत के मुँह में धकेला गया है, कोई आसमानी बिजली नहीं पड़ी जिससे इसे हम हादसा कहें।
स्कूल प्रशासन से लेकर स्थानीय प्रशासन परिवहन विभाग समेत सरकार, बच्चों की मौत की दोषी है इसलिए हम चाहते हैं माननीय उच्चतम न्यायालय से इसकी जाँच हो।
अब 4 महीने बीत जाने के बाद न्याय न मिलने पर मजबूरन सड़क पर आंदोलन करने के लिए मजबूर हैं। आगामी 17 तारीख तक सुनवाई न होने पर मजबूरन एसडीएम कार्यालय (कनीना) के सामने सड़क पर आंदोलन करेंगे।
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