हरियाणा विधानसभा चुनाव में नामांकन के लिए महज एक दिन का समय शेष बचा। रेवाड़ी विधानसभा से निर्दलीय प्रत्याशी जननेता विजय सोमानी ने अपना नामांकन दाखिल किया।
विधानसभा चुनाव को लेकर रेवाड़ी में बुधवार को राष्ट्रीय नवचेतना मंच के अखिल भारतीय संयोजक विजय सोमाणी ने रेवाड़ी विधानसभा क्षेत्र से अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। इस मौके पर अपने समर्थकों की खोल हाउस में आयोजित बैठक में सोमाणी ने कहा कि दीन दुखी की सेवा का असली माध्यम राजनीति है। रेवाड़ी क्षेत्र की जनता ने जो दुख दर्द सहा है, उसकी कोई कल्पना नहीं कर सकता। कुछ राजनीतिक दलों ने जिस तरह से स्थानीय नेताओं की भावनाओं के साथ खेल खेला है, उसने मुझे भी मानसिक रूप से परेशान किया है। आमजन और नेता जब दुखी हों, तो राजनीति में बदलाव की जरूरत महसूस होती है। हमने लोगों से जनसंपर्क कर राय मांगी कि विधानसभा चुनाव लड़ा जाए या नहीं। लोगों ने कहा कि आप चुनाव लड़ें और आम लोगों की समस्याओं को हल कराने के लिए सरकार के स्तर पर प्रयास करें। इसलिए हम चुनाव लड़ रहे हैं। बैठकों में समर्थकों ने उनकी बात की हामी भरी। उधर नई अनाज मंडी में आयोजित चुनावी सभा में राष्ट्रीय जनहित कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक भारद्वाज ने कहा कि सामाजिक कार्यकर्ता बनकर अगर राजनीति की जाए तो जनसमस्याएं हल हो सकती हैं। उन्होंने कहा कि विजय सोमाणी ने लंबे समय तक संघर्ष किया है और वो जनता की समस्याओं को हल करने का मादा भी रखते हैं। बाद में उन्होंने गाजे बाजे के साथ विजय सोमाणी के सचिवालय स्थित रिटर्निंग अधिकारी के कार्यालय में पहुंचकर उनका नामांकन दाखिल कराया। इस मौके पर सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता विशाल सोमाणी, परिवर्तन सोमाणी, गंगायचा जाट से पंचगाई प्रधान चौधरी रत्न सिंह, आप के पूर्व जिलाध्यक्ष सुभाष अग्रवाल, सतीश छाबड़ी, युवा नेता धर्मेंद्र यादव आदि मौजूद रहे।
हरियाणा के लोगों में इस बात की चर्चा जोरों पर है कि रेवाड़ी शहर व जिले की अगर किसी भी प्रकार से दुर्दशा है तो उसका जिम्मेदार पिता पुत्र है। पिता पुत्र का पिछले चालीस सालों से भी अधिक समय से इस सीट पर कब्जा रहा है। लगभग चार बार मन्त्री रहते केवल अपना और अपने परिवार रिश्तेदारों का ही उद्धार किया है। रेवाड़ी की भोली भाली जनता व गरीब तबके को लालच देकर वोट हासिल कर विधायक व मत्री बन गये और रेवाड़ी का कोई विकास नहीं किया। जैसै हल्की बरसात में पूरे शहर में पानी भर जाना सडको की हालत खराब रहना। लोगो में इस बात की भी चर्चा जोरों पर है कि राजनीति के बहुत चतुर खिलाडी बन गये हैं कि निर्दलियों की चुनाव में आर्थिक मदद करते हैं ताकी निर्दलीय आपस में ? झगडते रहे और यह पतली गली से निकल जाए। सात बार चुनाव इसी तरह जिते है। लोगों में चर्चा है कि जब तक यह मजबूत रहेंगे कोई भी अन्य रेवाड़ी सीट से चुनाव नही जीत पाएगा । पिछले चालीस सालों से यही हो रहा है। इस बार चुनाव में केवल दो नही कई पार्टियों के बीच मुकाबला रहेगा। कई लोग समझदारी से काम कर रहे हैं उन्होंने चुनाव न लडने का फैसला कर लाखो रुपये बचा लिए। लोगों में चर्चा है कि पिता पुत्र को हराना है तो किसी बढिया नेता को सहयोग करना पडेगा। जिस प्रकार विजय सोमाणी का सहयोग करके जितने का तय था उसी प्रकार अब भी मौका रहेगा वर्ना इस सीट पर पिता पुत्र का ही कब्जा रहेगा कोई कितना ही जोर क्यो न लगा ले कुछ नहीं कर पाएगा।
सोमाणी ने सन 2000 में भी निर्दलीय चुनाव लड़कर उन्हें टक्कर दी थी गौरतलब है कि इस बार भी पूरी तैयारी के साथ चुनाव में उतरेंगे और आपके सहयोग संगठन से। आगे निकलेगे सोमाणी साहब की मेहनत से शिक्षा क्षेत्र का विकसित हुआ विकास के पैसे की ठगा ठोरी को रोकना है तो बहु कोनिया मुकाबले में सोमाणी आगे निकल सकते हैं क्षेत्र की जागरूक जनता ने बिना किसी झंडे झंडे के 733000 वोट अपने विवेक से दिए थे सोमाणी जी की तीन पीढ़ियां समाज में देश सेवा में समर्पित है क्षेत्र के युवाओं सरपंचों में जातिवाद से ऊपर उठकर राष्ट्रीय नवचेतना के इस अभियान को विजय के रूप में परिवर्तित करने का काम किया है रेवाड़ी विधानसभा का चुनाव नामांकन के बाद और साफ नजर आने लगेगा।
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