ग्राम समाचार, संथाल परगना (झारखंड)। बोरियो विधानसभा क्षेत्र में पूर्व नेता लोबिन हेंब्रम और पूर्व विधायक ताला मरांडी के शव यात्रा का अंतिम संस्कार किया गया। लोबिन हेंम्ब्रम बीजेपी में शामिल होने के बाद क्षेत्र में भारतीय जनता पार्टी के अंतर्कलह और दरारें बढ़ गई हैं।
झारखंड में विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक महासंग्राम शुरू हो गया है। राजनेताओं का एक पार्टी से दूसरी पार्टी में शामिल होने की घटनाएं लगातार हो रही हैं। चुनाव की तारीखें अभी घोषित नहीं हुई हैं, लेकिन राजनीतिक गतिविधियां जोर पकड़ रहे हैं।
संथाल परगना क्षेत्र के बोरियो विधानसभा क्षेत्र में राजनीतिक माहौल पूरी तरह से बदलाव किया गया है। बोरियो विधानसभा में हमेशा से ही झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) और बीजेपी के बीच प्रतिद्वंद्वी क्षेत्र रहा है। इस बार की सबसे बड़ी खबर यह है कि झामुमो के कद्दावर नेता और पूर्व विधायक लोबिन हेंम्ब्रम ने झामुमो की सदस्यता समाप्त कर दी है इसके बाद बीजेपी में शामिल हुए है। इससे क्षेत्र में राजनीतिक चर्चाएं तेजी से हो गई हैं।
बीजेपी के पूर्व विधायक मरांडी और पूर्व बीजेपी नेता सूर्यनारायण हांसादा के बीच भी तनाव की खबरें हैं। जब से लोबिन हेंम्ब्रम ने झामुमो छोड़ कर बीजेपी में शामिल हुए हैं, सूर्यनारायण हांसदा अपना विरोध कर रहे हैं। इस बीच, बोरियो विधानसभा की जनता ने दोनों पूर्व विधायक का शव यात्रा निकल कर पुतला दहन किया। दोनों पूर्व विधायक के मुर्दाबाद नारे लगा रहे हैं, जनता का कहना है कि इन दोनों नेताओं ने क्षेत्र में कोई विकास नहीं किया है।
सूर्यनारायण हांसादा ने आरोप लगाया कि लोबिन हेंब्रम और ताला मरांडी ने बोरियो विधानसभा के विकास में कोई योगदान नहीं दिया और इस क्षेत्र को पिछड़ेपन की ओर धकेल दिया। यह आरोप सोशल मीडिया पर भी चर्चा का विषय बना हुआ है, जहां कुछ वीडियो वायरल हो रहे हैं, जिसमें जनता इन्हीं बातें दोहरा रही हैं।
बता दें कि पूर्व बीजेपी उम्मीदवार सूर्य नारायण हांसादा बोरियो विधानसभा से तीन बार चुनाव लड़ चुके हैं, झारखंड विकास मोर्चा से दो बार चुनाव लड़ें और 2019 में बीजेपी से चुनाव लड़ें लेकिन अभी तक जीत हासिल नहीं कर पाए हैं।
2024 विधानसभा चुनाव में बोरियो विधानसभा क्षेत्र में टिकट बंटवारे को लेकर असमंजस की स्थिति है। बीजेपी की ओर से टिकट किसे मिलेगा, यह कहना अभी मुश्किल है। जनता की नजर अब चुनाव पर है और आने वाले समय में ही पता चलेगा कि बोरिया विधानसभा का ताज किसे मिलेंगी।
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