ग्राम समाचार बोआरीजोर(गोड्डा)। बोआरीजोर प्रखंड के कुसुम घाटी पंचायत में आयोग्य आदमी को आवास योजना का लाभ दिए जाने का मामला सामने आया है। वीडियो साहब को लिखित शिकायत में आरोप लगाया गया कि पंचायत मुखिया और पंचायत सचिव की मिलीभगत से यह गड़बड़ी की गई है। जांच में पाया गया कि योजना का लाभ उन लोगों को दिया जा रहा है जिनके पास पहले से पक्का मकान है, जबकि योग्य और जरूरतमंद लोग इससे वंचित हैं।
प्रखंड विकास पदाधिकारी ने जांच के बाद पाया कि यह आरोप सत्य है। उन्होंने पंचायत सचिव शैलेश ठाकुर से इस पर जवाब मांगते हुए गलत लाभार्थियों को दी गई राशि को रिकवर करने का आदेश दिया है। साथ ही यह भी निर्देश दिया है कि राशि की वसूली तक संबंधित कर्मियों का वेतन रोका जाएगा।
सूत्रों के अनुसार, कुसुम घाटी पंचायत में बिजोलिया (दलालों) के बिना आवास निर्माण नहीं हो रहा है। इसमें लाभार्थियों को पूर्ण रूप से लाभ नहीं मिल रहा है, और आवास की गुणवत्ता भी बहुत खराब है। इस स्थिति को सुधारने के लिए पंचायत स्वयंसेवकों की बहाली की गई है, जो फिलहाल रांची में अपने अधिकारों की मांग कर रहे हैं।
पंचायत स्वयंसेवकों को लाभार्थियों की मदद और सरकारी योजनाओं का सही कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के लिए बहाल किया गया है। लेकिन, उन्हें प्रखंड विकास पदाधिकारी और मुखिया से उचित जिम्मेदारी नहीं दी जा रही है। यदि स्वयंसेवक सक्रिय हो जाएं, तो सरकारी योजनाओं का लाभ जरूरतमंदों तक आसानी से पहुंच सकता है।
इस गड़बड़ी का मुख्य कारण यह है कि आर्थिक कमजोरी के कारण जरूरतमंद लोग आवास योजना का लाभ नहीं पा रहे हैं, क्योंकि वे अवैध राशि देने में असमर्थ हैं। आगे देखना होगा कि सरकारी योजनाओं का लाभ सही व्यक्ति तक पहुंचेगा या नहीं।
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