ग्राम समाचार, बोआरीज़ोर(गोड्डा)। संतलाल मुर्मू के आकस्मिक निधन से शिक्षा जगत में शोक व्याप्त है। संतलाल मुर्मू उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय, छोटा दोरमा गांव में पढ़ाते थे। गुरुवार को अचानक तबियत पर परिजनों ने उन्हें इलाज के लिए ललमटिया डकैता स्थित संत लुकस हॉस्पिटल ले गए, जहां इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गई।
रोजमर्रा की तरह सुबह 8:00 बजे स्कूल के लिए तैयार होते समय अचानक उनकी तबियत बिगड़ गई। परिजनों ने उन्हें अनन-फानन में इलाज के लिए सबसे पहले बोआरीजोर स्वास्थ्य केंद्र ले जाया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें बेहतर इलाज के लिए ललमटिया डकैता संत लुकस हॉस्पिटल रेफर कर दिया गया। संत लुकस हॉस्पिटल में डॉक्टरों ने इलाज शुरू किया, लेकिन कुछ ही देर में संतलाल मुर्मू ने दम तोड़ दिया।
दिवंगत शिक्षक संतलाल मुर्मू के भाई चांद नारायण मुर्मू, जो चांद भैरों क्लब के संस्थापक हैं, ने बताया कि संतलाल मुर्मू एक संयुक्त परिवार में रहते थे और उनका स्वभाव बहुत ही सरल और मधुर था। उनके जाने के बाद पूरे परिवार में मातम छाया हुआ है। गांव के लोग भी शोक व्यक्त कर रहे हैं।
संतलाल मुर्मू अपने पीछे अपनी पत्नी और एक बेटे को छोड़ गए हैं। उनके पुत्र रवि मुर्मू, जो बाहर में अध्ययनरत हैं, पिता के इस आकस्मिक निधन के बाद अंतिम संस्कार के लिए बोआरीजोर के छोटे डोरमा गांव में पहुंच रहे हैं। आदिवासी रीति-रिवाज से उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
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