ग्राम समाचार, रांची। शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू होने के लगभग 15 वर्ष बाद भी देश भर में बिना मान्यता के स्कूलों का संचालन किया जा रहा है। देश में वर्ष 2009 में शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू किया गया था। इसके छह वर्ष बाद झारखंड में 2011 में इससे संबंधित अधिसूचना जारी की गई थी। झारखंड में भी शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू हुए 13 वर्ष हो गई। इसके बाद राज्य में सबसे अधिक बिना मान्यता के विद्यालय रांची में संचालित हो रहे हैं, जबकि अधिनियम लागू होने के तीन वर्ष के अंदर स्कूलों को मान्यता ले लेनी थी। अब तक नियमों की अनदेखी कर स्कूलों का संचालन किया जा रहा है।
राज्यवार बिना मान्यता के चल रहे स्कूलों की संख्या में झारखंड के बाद बिहार में सबसे अधिक स्कूल संचालित हैं। रांची में सबसे अधिक 700 स्कूल बिना मान्यता के चल रहे हैं, जबकि चतरा में सबसे कम 100 स्कूल बिना मान्यता के चल रहे हैं।
कक्षा आठ तक के 3700 विद्यालय संचालित हैं। शिक्षा का अधिकार अधिनियम के प्रावधान के तहत स्कूलों को मान्यता लेनी है, फिर नामांकन लेना है।
कहीं बेसमेंट, तो कहीं घर में चल रहे स्कूल
बिना मान्यता के चल रहे स्कूल सरकार द्वारा निर्धारित मानकों को पूरा नहीं करते हैं। स्कूल संचालन को लेकर सरकार द्वारा मापदंड का निर्धारण किया गया है, जिसमें स्कूल के भवन के अनुसार कई मानक तय किए गए हैं। अधिकतर विद्यालय संचालन को लेकर निर्धारित मानकों को पूरा नहीं करते हैं। ऐसे विद्यालय कमेटी संचालित हैं। इन विद्यालयों के विद्यार्थी परीक्षा में भी शामिल नहीं हो पाते हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, देश भर में कुल 22,295 स्कूल बिना मान्यता के चल रहे हैं। इन स्कूलों में कुल 24,34,235 बच्चे पढ़ते हैं।
- ग्राम समाचार ब्यूरो रिपोर्ट।
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