भारत के पूर्व प्रधानमंत्री व कांग्रेस के वरिष्ठतम नेता डाक्टर मनमोहन सिंह जी के 92 साल की आयु में हुए निधन को स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष वेदप्रकाश विद्रोही ने भारत व भारतीय राजनीति के लिए अपूर्णिय क्षति बताया। विद्रोही ने कहा कि वर्ष 2004 से 2014 तक लगातार दस साल भारत के प्रधानमंत्री रहे डाक्टर मनमोहन सिंह के आधुनिक भारत के निर्माण व गरीबों के हित में क्रांतिकारी कदम उठाने व आर्थिक सुधारों में दिये योगदान को कभी नही भूलाया जा सकता। आरबीआई गर्वनर, वित्त मंत्रालय में आर्थिक सलाहकार व वित्तमंत्री के रूप में आर्थिक सुधारों व भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए उनके योगदान को पूरा देश-दुनिया जानती है। 26 सितम्बर को अविभाजित भारत के पंजाब में पैदा हुए डाक्टरे मनमोहन सिंह 15 साल कीे आयु में अपने परिवार के साथ एक विस्थापित नागरिक के रूप में आज के पंजाब आये थे। एक साधारण परिवार की पृष्ठभूमि वाले भारत के डाक्टर मनमोहन सिंह जी ने अपनी प्रतिभा के बल पर न केवल उच्च शिक्षा हासिल की अपितु मेहनत व योग्यता के बल पर दुनिया के सर्वश्रेष्ठ अर्थशास्त्रीयों में अपना नाम दर्ज करवाया।
विद्रोही ने कहा कि कांग्रेस कीे नरसिम्हा राव सरकार में 1991 में वित्तमंत्री के रूप में उन्होंने जो आर्थिक सुधारों की जो नींव रखी थी, उसी के चलते आज भारत दुनिया की पांच महत्वपूर्ण अर्थव्यवस्थाओं में एक है। भारत की अर्थव्यवस्था को इस मुकाम पर पहुंचाने के लिए डाक्टर मनमोहन सिंह का नाम इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में दर्ज है। वर्ष 2004 में श्रीमती सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री पद ठुकराने के बाद उन्होंने डाक्टर मनमोहन सिंह को प्रधानमंत्री पद सौंपा था और डाक्टर मनमोहन सिंह के नेतृत्व मेेें कांग्रेस का दस साल तक भारत में राज रहा जिसमें आमजनों के हितों में ऐतिहासिक फैसले लिए गए। इनमें मनरेगा, सूचना का अधिकार, शिक्षा का अधिकार, आधार कार्ड, भूमि अधिग्रहण कानून में किसानों के हित सुनिश्चित करना, भोजन का अधिकार सहित ऐसे अनेक महत्वपूर्ण निर्णय लिए जिसमें आम भारतीय की आर्थिक, सामजिक जीवन की पूरी दिशा ही बदल दी। डाक्टर मनमोहन सिंह ने अमेरिका से न्यूक्लीयर डील करके भारत की सुरक्षा व सेना को मजबूत करने के साथ परमाणु बिजलीे का ऐसा रास्ता खोला जिसके दूरगामी परिणाम भारत हित में आने तय है। आज देशभर में डीबीटी के माध्यम से लोगों को जो आर्थिक सहायता दी जा रहीे है, वह कानून भी मनमोहन सिंह-कांग्रेस सरकार ने बनाया था। विद्रोही ने कहा कि डाक्टर मनमोहन सिंह 1991 से अप्रैल 2024 तक राज्यसभा सदस्य रहेेे। उनका निधन भारतीय राजनीति, देश, समाज, कांग्रेस के लिए अपूर्णिय क्षति है। डाक्टर मनमोहन सिंह के निधन पर विद्रोही ने विमम्र श्रद्धाजंली देते हुए हुए कहा कि सादगी, ईमानदारी, विनम्रता के प्रतीक डा मनमोहन सिंह वर्षो तके लोगों के प्ररेणास्त्रोत बने रहेंगे।
इस दुख की घडी में उनके परिवारजनों, कांग्रेसजनों के प्रति गहरी शोक संवेदना प्रकट करते हुए परमपिता परमात्मा से प्रार्थना की वे डाक्टर साहब की आत्मा को शांति व सदगति प्रदान करे। डा मनमोहन सिंह ने स्वयं कहा था कि मैं अपने विषय में कुछ नही कहूंगा, मेरे प्रधानमंत्री कार्यकाल का मूल्यांकन इतिहास करेगा। अब वह सच्ची व ईमानदार आवाज सदैव के लिए मौन हो गई।
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