रेवाड़ी 29 दिसंबर :: धारूहेड़ा एवं बावल ब्लॉक के अनेक गांवों में ओलावृष्टि में सरसों और सब्जीयों को भारी क्षति हुई है। इस संदर्भ में एसयूसीआई कम्युनिस्ट के राज्य सचिव कॉमरेड राजेंद्र सिंह एडवोकेट ने गांव खटावली, राजपुरा, ढाकिया, राजपुरा तथा खरखड़ा इत्यादि गांवो का दौरा कर नुकसान का जायजा लिया और पाया की धारूहेड़ा व बावल ब्लॉक के अधिकांश गांवों में सरसों और सब्जी में शत प्रतिशत नुकसान है। कॉमरेड सिंह ने कहा कि इस तरह के हुए नुकसान से शासन प्रशासन की तरफ से फौरी बयान तो पहले भी आते रहे हैं परंतु उसके बाद वही ढाक के तीन पात वाली कहावत चरितार्थ होती रही है। पिछले कई सालों का मुआवजा अभी तक भी नहीं मिला है। सरकार से जनहित में तुरंत कदम उठाएं जाने की मांग है। सरकार तुरंत प्राथमिक दृष्टि से हुए नुकसान को मध्य नजर रखते हुए पीड़ित किसानों को फसल क्षति आकलन से पहले एक मुश्त आर्थिक मदद करे। शासन प्रशासन स्वयं पहले विशेष गिरदावरी करवाए और विशेष गिरदावरी करने के बाद हुए नुकसान का ब्यौरा किसान को बताया जाए फिर किसान के लिए मुकम्मल मुआवजा देने की प्रक्रिया प्रशासन खुद करे, अनपढ़ किसान को ऑफ लाइन व ऑनलाइन के चक्कर में ना फंसाए ।
ओलावृष्टि से अगेती और पिछेती सरसों खराब हो गई है। सरकार को किसान के साथ हुए इस प्राकृतिक विपदा से निपटने के लिए तुरंत कारगर कदम उठाएं जाने चाहिए । सरकार को पीड़ित किसान को मुआवजा का आकलन से पहले एक मुश्त आर्थिक सहायता दे। मुआवजा के अलावा पीड़ित किसानों का कर्ज माफी की घोषणा भी करे, उनके बच्चों की फीस की भरपाई की जाए । जिन भूमिहीन किसानों ने दूसरे की जमीन जो सालाना 35000/ रुपए प्रति एकड़ से लेकर फसल बोई है उसकी पूर्ति सरकार करे। सरसों का 50000/ रुपया प्रति एकड़ मुआवजा दिया जाए।
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