Godda News: रैयतों की समस्याओं पर विधायक की सख्त चेतावनी, ललमटिया कोयला खदान क्षेत्र में समाधान की मांग


ग्राम समाचार, ब्यूरो रिपोर्ट गोड्डा। ललमटिया कोयला खदान क्षेत्र के रैयतों की समस्याओं को लेकर बोरियो विधायक धनंजय सोरेन ने मंगलवार को राजमहल हाउस में ग्रामीणों के साथ बैठक की। बैठक में खनन प्रभावित गांव नीमकला, केदुआ, चितलकोठी,सिमरा, ललमटिया, लोहांडिया,हाहाजोर लीलातरी, बसडीहा, तालझारी, पहाड़पुर, बड़ा भोड़ाई, भादो टोला, ओबी डंम्प कॉलोनी आदि स्थानों से सैकड़ो रैयतों बैठक में शामिल हुए। बैठक में विधायक धनंजय सोरेन ने रैयतों की समस्याओं से रूबरू हुए बैठक में ईसीएल के खनन प्रबंधक दिनेश शर्मा,एपीएम संदेश एस वाडेडा इत्यादि मौजूद थे। इस बैठक में खनन प्रभावित गांवों के सैकड़ों रैयत शामिल हुए, जिन्होंने बिजली, पानी, स्वास्थ्य, शिक्षा, सड़क, रोजगार और विस्थापन जैसी मूलभूत सुविधाओं की मांग उठाई।


ग्रामीणों ने हैवी ब्लास्टिंग, प्रदूषण, विस्थापन और मोंटे कार्लो कंपनी की मनमानी जैसे मुद्दों पर भी नाराजगी जताई। रैयतों कहना था कि 2018 में परियोजना के लिए जमीन देने के बाद भी प्रबंधन अपने वादे पूरे नहीं कर रहा है। बसडीहा और अन्य गांवों के विस्थापितों को पुनर्वास स्थलों पर जमीन का मालिकाना हक नहीं मिला है, जिससे उनकी स्थिति दयनीय बनी हुई है।बैठक में विधायक ने खनन प्रबंधन को चेतावनी दी कि यदि ग्रामीणों की समस्याओं का समाधान शीघ्र नहीं हुआ तो परियोजना को बंद कर दिया जाएगा। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि जब तक समस्याओं का निदान नहीं होता, तब तक ग्रामीणों के मकानों को नहीं तोड़ा जाएगा।वही खनन प्रबंधक दिनेश शर्मा ने ग्रामीणों की समस्याओं को उच्च स्तर तक पहुंचाने का वादा किया। 



रैयतों के अधिकार और विकास की अनदेखी

ललमटिया कोयला खदान क्षेत्र के रैयतों की समस्या झारखंड के विकास और विस्थापन की जटिलता को उजागर करती है। खनन जैसी परियोजनाएं विकास के नाम पर स्थानीय समुदायों को उनके अधिकारों से वंचित कर रही हैं। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि जिन रैयतों ने अपनी जमीन दी, वे आज मूलभूत सुविधाओं के लिए संघर्ष कर रहे हैं। सत्ता और प्रशासन को चाहिए कि वे इन समुदायों की समस्याओं का स्थायी समाधान करें। पुनर्वास और रोजगार जैसे वादे कागजों पर नहीं, जमीन पर उतरने चाहिए। साथ ही, कंपनियों और परियोजना प्रबंधनों को भी मानवता और नैतिक जिम्मेदारी के साथ काम करना होगा।


जब तक ग्रामीणों की समस्याओं को गंभीरता से नहीं लिया जाएगा, विकास के नाम पर विस्थापन और उपेक्षा की यह कहानी जारी रहेगी। सरकार और प्रबंधन को जल्द कदम उठाने चाहिए ताकि विकास, समावेशी और न्यायपूर्ण हो।बैठक में प्रखंड अध्यक्ष सुनील मरांडी, निसार अहमद, जमशेद अंसारी, वीरेंद्र मडैया, लोबिन लोहार मजरुल हक, सज्जाद अंसारी, मुस्तकीम अंसारी, दिलदार अंसारी, शफात अंसारी, मृत्युंजय गुप्ता, तेज नारायण हांसदा, गणेश हांसदा किरानी सोरेन, जाकिर अंसारी कंचन देवी, मेरी टुडू, सलोनी बास्की इत्यादि परियोजना प्रभावित क्षेत्र के रैयत बैठक में शामिल हुए। ग्रामीणों को उम्मीद है कि उनकी समस्याओं का शीघ्र समाधान होगा।


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Editor - विलियम मरांड़ी। 9905461511

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