ग्राम समाचार संवाददाता: चाकुलिया/ जामशेदपुर: ज़िला के चाकुलिया प्रखंड अन्तर्गत स्थित जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) के सभागार में आज अन्तर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस मनाया गया. इस अवसर पर होलोङ गाडा, अखिल भारतीय संताली लेखक संघ, झारखंड, दिसोम जाहेरगाड़ चाकुलिया, आदिवासी सांवता सेचेद आर लाकचार गांवता, झारखंड एवं दिसोम फाउण्डेशन के संयुक्त तत्वावधान में संताली साहित्य संगोष्ठी का आयोजन किया गया. सर्व प्रथम वीर सिद्धो-कान्हू, बाबा तिलका मांझी, मांझी रामदास टुडू "रास्का" , साधुराम चांद मुर्मू एवं गुरु गोमके पंडित रघुनाथ मुर्मू के चित्र में मालार्पण एवं दीप प्रज्वलित कर संगोष्ठी का शुभारंभ किया गया. इस मौके पर संताली प्रतिभा खोज प्रतियोगिता परीक्षा में सफल दस प्रतिभागियों को प्रशस्ति पत्र एवं मोमेंट देकर पुरस्कृत किया गया. चयनित प्रतिभागियों को धनराशि देकर भी प्रोत्साहित किया गया.
संताली साहित्य के संगोष्ठी केप्रथम सत्र में मुख्य अतिथि साहित्य अकादमी पुरस्कार विजेता भोगला सोरेन और अतिथि के रूप में साहित्य अकादमी पुरस्कार विजेता भुजंग टुडु, सालखु मुर्मु, पूर्ण चन्द्र हाँसदा, डॉ गुमदा मार्डी, सुभाष चन्द्र माण्डी, कालिदास मुर्मु, लुगु गोडेट सुरेन्द्र टुडु, द्विजो पद हाँसदा, साहित्य अकादमी पुरस्कार विजेता जोबा मुर्मु आदि उपस्थित थे.सभा का संचालन मोहन चन्द्र बास्के ने किया तथा पिताम्बर हाँसदा ने धन्यवाद ज्ञापन किया. दूसरे सत्र का सभा में अतिथि के रूप में डॉ रजनी कान्ता माण्डी, डॉ फूदान चन्द्र सोरेन, प्रोफेसर कुंजो दास मुर्मु, वासुदेव मुर्मु, सलिम चन्द्र सोरेन, विष्णु कुमार मुर्मु, धार्मा मुर्मु, बुद्धेश्वर बास्के, दिकुमुनी हाँसदा आदि उपस्थित थे. इस सभा का संचालन साहित्य अकादमी पुरस्कार विजेता सभा हाँसदा ने किया तथा सुधीर चन्द्र मुर्मु ने धन्यवाद ज्ञापन किया. इस कार्यक्रम में उड़िसा, पश्चिम बंगाल तथा झारखण्ड के हजारों लेखक, समाजसेवी और संताली भाषा और ओल चिकी प्रेमी उपस्थित थे.
श्री कालीदास मुर्मू जामशेदपुर।
ग्राम समाचार संवाददाता: चाकुलिया/ जामशेदपुर: ज़िला के चाकुलिया प्रखंड अन्तर्गत स्थित जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) के सभागार में आज अन्तर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस मनाया गया. इस अवसर पर होलोङ गाडा, अखिल भारतीय संताली लेखक संघ, झारखंड, दिसोम जाहेरगाड़ चाकुलिया, आदिवासी सांवता सेचेद आर लाकचार गांवता, झारखंड एवं दिसोम फाउण्डेशन के संयुक्त तत्वावधान में संताली साहित्य संगोष्ठी का आयोजन किया गया. सर्व प्रथम वीर सिद्धो-कान्हू, बाबा तिलका मांझी, मांझी रामदास टुडू "रास्का" , साधुराम चांद मुर्मू एवं गुरु गोमके पंडित रघुनाथ मुर्मू के चित्र में मालार्पण एवं दीप प्रज्वलित कर संगोष्ठी का शुभारंभ किया गया. इस मौके पर संताली प्रतिभा खोज प्रतियोगिता परीक्षा में सफल दस प्रतिभागियों को प्रशस्ति पत्र एवं मोमेंट देकर पुरस्कृत किया गया. चयनित प्रतिभागियों को धनराशि देकर भी प्रोत्साहित किया गया.
संताली साहित्य के संगोष्ठी केप्रथम सत्र में मुख्य अतिथि साहित्य अकादमी पुरस्कार विजेता भोगला सोरेन और अतिथि के रूप में साहित्य अकादमी पुरस्कार विजेता भुजंग टुडु, सालखु मुर्मु, पूर्ण चन्द्र हाँसदा, डॉ गुमदा मार्डी, सुभाष चन्द्र माण्डी, कालिदास मुर्मु, लुगु गोडेट सुरेन्द्र टुडु, द्विजो पद हाँसदा, साहित्य अकादमी पुरस्कार विजेता जोबा मुर्मु आदि उपस्थित थे.सभा का संचालन मोहन चन्द्र बास्के ने किया तथा पिताम्बर हाँसदा ने धन्यवाद ज्ञापन किया. दूसरे सत्र का सभा में अतिथि के रूप में डॉ रजनी कान्ता माण्डी, डॉ फूदान चन्द्र सोरेन, प्रोफेसर कुंजो दास मुर्मु, वासुदेव मुर्मु, सलिम चन्द्र सोरेन, विष्णु कुमार मुर्मु, धार्मा मुर्मु, बुद्धेश्वर बास्के, दिकुमुनी हाँसदा आदि उपस्थित थे. इस सभा का संचालन साहित्य अकादमी पुरस्कार विजेता सभा हाँसदा ने किया तथा सुधीर चन्द्र मुर्मु ने धन्यवाद ज्ञापन किया. इस कार्यक्रम में उड़िसा, पश्चिम बंगाल तथा झारखण्ड के हजारों लेखक, समाजसेवी और संताली भाषा और ओल चिकी प्रेमी उपस्थित थे.
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