विदेशी निवेशकों की वापसी से भारतीय बाजार को राहत, 11 सत्रों की बिकवाली के बाद पहली बार खरीदारी
लगातार गिरावट के बाद विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) ने आखिरकार भारतीय बाजार में वापसी की है। मंगलवार को उन्होंने ₹4,787 करोड़ की शुद्ध खरीदारी की, जो बीते 11 सत्रों की लगातार बिकवाली के बाद एक बड़ा बदलाव है। इसके साथ ही घरेलू संस्थागत निवेशकों (DIIs) ने भी ₹3,072 करोड़ की खरीदारी कर बाजार को मजबूती दी।
FIIs की वापसी का संकेत
FIIs ने इससे पहले 4 फरवरी को शुद्ध खरीदार की भूमिका निभाई थी, जब उन्होंने ₹809 करोड़ के शेयर खरीदे थे। इस ताजा निवेश से भारतीय बाजार को थोड़ी राहत जरूर मिली है, क्योंकि पिछले कुछ महीनों से FIIs लगातार बिकवाली कर रहे थे।
भारती एयरटेल ब्लॉक डील से FII निवेश को मिला बढ़ावा
इस खरीदारी में भारती एयरटेल से जुड़ी ब्लॉक डील का बड़ा योगदान रहा। भारती एयरटेल की प्रमोटर कंपनी इंडियन कॉन्टिनेंट इन्वेस्टमेंट लिमिटेड (ICIL) ने ₹8,485.11 करोड़ में 0.84% हिस्सेदारी बेची, जो करीब 5.11 करोड़ शेयरों के बराबर है।
भारती एयरटेल के एक अन्य प्रमोटर, भारती टेलीकॉम ने इस ब्लॉक डील में बेचे गए कुल शेयरों का 24% यानी करीब 1.2 करोड़ शेयर खरीदे। ICIL की इस हिस्सेदारी बिक्री का उद्देश्य प्रतिष्ठित और दीर्घकालिक निवेशकों को शेयर आवंटित करना था।
भारती टेलीकॉम की इस खरीदारी से यह साफ संकेत मिलता है कि कंपनी को एयरटेल के भविष्य पर पूरा भरोसा है। नवंबर 2024 में ICIL से 7.31 करोड़ शेयरों की पिछली खरीदारी के बाद, भारती टेलीकॉम की एयरटेल में कुल हिस्सेदारी अब बढ़कर लगभग 40.47% हो गई है।
एक्सचेंज फाइलिंग में कहा गया, "भारती एयरटेल लिमिटेड ('एयरटेल') की प्रमोटर-समूह इकाई, इंडियन कॉन्टिनेंट इन्वेस्टमेंट लिमिटेड (ICIL) ने आज एक बाजार लेनदेन के माध्यम से एयरटेल में ~0.84% हिस्सेदारी (~5.11 करोड़ शेयर) बेची है, जिसकी कुल राशि ~ ₹8,485.11 करोड़ है। भारती टेलीकॉम लिमिटेड ('भारती टेलीकॉम') ने ~1.2 करोड़ शेयर (~ICIL की बिक्री का 24%) का अधिग्रहण किया, जिससे यह सुनिश्चित हुआ कि यह शेयर केवल प्रमुख वैश्विक और घरेलू लॉन्ग-ओनली निवेशकों को ही आवंटित किए जाएं।"
FII और DII निवेश प्रवृत्तियाँ
हालांकि मंगलवार की खरीदारी बाजार के लिए सकारात्मक संकेत है, लेकिन पूरे साल की बात करें तो FIIs अब भी शुद्ध विक्रेता बने हुए हैं। 2025 में अब तक उन्होंने ₹1.15 लाख करोड़ के शेयरों की बिकवाली की है।
इसके विपरीत, घरेलू संस्थागत निवेशकों (DIIs) ने इस दौरान मजबूत खरीदारी जारी रखी और ₹1.2 लाख करोड़ के शेयर खरीदे। यह अंतर दर्शाता है कि विदेशी और घरेलू निवेशकों की निवेश रणनीतियाँ और दृष्टिकोण एक-दूसरे से काफी अलग हैं।
बाजार के लिए आगे का संकेत
FIIs की वापसी बाजार के लिए एक राहत भरा संकेत है, लेकिन यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या यह रुझान जारी रहेगा या फिर यह सिर्फ एक अस्थायी बदलाव है। घरेलू निवेशकों की मजबूती बाजार में स्थिरता बनाए रखने में मदद कर रही है, लेकिन विदेशी निवेशकों की भागीदारी बाजार की समग्र दिशा को निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
- राजीव कुमार
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