रेवाड़ी, महेंद्रगढ़ समेत हरियाणा के 12 जिलों में ओलावृष्टि और बारिश के कारण किसानों की फसलें पूरी तरह बर्बाद हो गईं। इनमें गेहूं, सरसों, चना सहित कई अन्य फसलें शामिल हैं। इस आपदा से 615 गांवों की लगभग 8.08 लाख एकड़ में खड़ी फसल पूरी तरह तबाह हो चुकी है, जिससे किसानों पर भारी आर्थिक संकट खड़ा हो गया है।
जय किसान आंदोलन के जिला अध्यक्ष पृथ्वी सिंह ने सरकार से मांग की है कि तुरंत गिरदावरी कराई जाए और सभी प्रभावित किसानों को जल्द से जल्द उचित मुआवजा दिया जाए।
किसान नेता संदीप यादव ने कहा कि दिसंबर 2024 में हुई ओलावृष्टि में भी 1763 गांवों के 52,099 किसानों की 2.56 लाख एकड़ फसलें बर्बाद हुई थीं। किसानों ने स्वयं क्षतिपूर्ति पोर्टल पर अपने नुकसान का पूरा ब्यौरा दर्ज कराया था, लेकिन आज तक सरकार ने उन फसलों के नुकसान का वेरिफिकेशन तक पूरा नहीं किया। ऐसे में मुआवजा देने को लेकर सरकार की नीयत पर सवाल उठना स्वाभाविक है।
संदीप यादव ने कहा कि 'जय किसान आंदोलन' सरकार से चार सूत्रीय मांग करता है-
1. हालिया फसल नुकसान की तुरंत गिरदावरी कराई जाए।
2. रेवाड़ी, महेंद्रगढ़ समेत सभी प्रभावित जिलों के किसानों को जल्द से जल्द उचित मुआवजा दिया जाए।
3. दिसंबर 2024 में हुई ओलावृष्टि से प्रभावित किसानों का बकाया मुआवजा तुरंत जारी किया जाए।
4. मुआवजे की दरें वास्तविक नुकसान और मौजूदा महंगाई को ध्यान में रखते हुए बढ़ाई जाएं।
मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपने वालों में मुख्य रूप से जगमाल सिंह लोधाना, रामनिवास, सतपाल चौधरी (मिलकपुर), राजा राम, रामवतार (भालकी), प्रभात, लक्ष्मण सिंह, महावीर, महेंद्र सिंह, सत्यप्रकाश शर्मा और रामबीर चौहान शामिल रहे।
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