मुंबई: साइबर अपराधियों ने एक बेहद शातिर तरीके से मुंबई की 86 वर्षीय महिला को "डिजिटल गिरफ्तारी" का झांसा देकर 20 करोड़ रुपये ठग लिए। अपराधियों ने गिरफ्तारी की धमकी देकर और फर्जी ऑनलाइन अदालती कार्यवाही का नाटक रचकर महिला से पैसे ऐंठे।
सीबीआई अधिकारी बनकर दिया झांसा
धोखेबाजों ने खुद को सीबीआई अधिकारी बताकर महिला पर मनी लॉन्ड्रिंग और जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल के साथ मिलीभगत का आरोप लगाया। उन्होंने महिला को डराया कि उसे गिरफ्तार किया जाएगा और उसकी संपत्ति जब्त कर ली जाएगी।
दो महीने तक लगातार निगरानी
पिछले दो महीनों से महिला को लगातार निगरानी में रखा गया था। हर तीन घंटे में उन्हें फोन आते थे और "डिजिटल पुलिस हिरासत" में घर पर ही रहने का आदेश दिया गया था। अपराधियों ने महिला को अपने बैंक विवरण देने और अपना नाम साफ़ करने के लिए "अदालत खाते" में अपनी धनराशि स्थानांतरित करने के लिए मजबूर किया।
घरेलू सहायिका ने खोली पोल
इस घोटाले का खुलासा तब हुआ जब एक घरेलू सहायिका ने महिला के असामान्य व्यवहार को देखा और उनकी बेटी को सतर्क किया। महिला की बेटी ने तुरंत पुलिस को सूचित किया।
दो गिरफ्तार, क्रिप्टोकरेंसी में बदले गए पैसे
पुलिस ने इस मामले में दो लोगों, 20 वर्षीय शयान शेख और 20 वर्षीय रज़ीक बट को गिरफ्तार किया है। जांच में पता चला कि चोरी किए गए पैसे को विभिन्न खातों में स्थानांतरित किया गया और क्रिप्टोकरेंसी में बदल दिया गया।
पुलिस की चेतावनी
इस घटना ने वरिष्ठ नागरिकों को निशाना बनाने वाले साइबर अपराधों के खतरे को उजागर किया है। पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे किसी भी अनजान व्यक्ति को अपने बैंक विवरण या व्यक्तिगत जानकारी न दें। पुलिस ने यह भी कहा है कि इस तरह के डिजिटल गिरफ्तारी वाले फोन कॉल से सावधान रहें और तुरंत पुलिस को सूचित करें।
जांच जारी
पुलिस इस मामले की गहन जांच कर रही है और अन्य अपराधियों की तलाश कर रही है। यह मामला साइबर अपराधों के बढ़ते खतरे और वरिष्ठ नागरिकों की सुरक्षा के लिए उठाए जाने वाले कदमों पर सवाल उठाता है।
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