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मसलिया के जेरूवाखिलकनाली में हरिकीर्तन करती लक्खी दासी |
ग्राम समाचार, दुमका। मसलिया प्रखंड क्षेत्र के गुमरो पंचायत के जेरूवाखिलकनाली गांव में आयोजित चौबीस प्रहर हरिनाम संकीर्तन का समापन शनिवार को कुंजविलास के साथ हो गया। संकीर्तन की शुरुआत बुधवार को शुभ गंधाधिवास के साथ हुआ था। जिसमें तीन रात्रि तक जामताड़ा जिले के कुंडहित निवासी कीर्तनिया लक्खी दासी ने भगवान श्रीकृष्ण के बाल्य काल के लीलाओं का बड़े ही भाव भंगिमा के साथ पाला गान के माध्यम से स्रोताओं को परोसा। कीर्तनिया ने बताया कि आज के समय में भागवत पुराण,शिव पुराण, राम कथा जैसे कई ऐसे कथाएं हो रही है। लेकिन कीर्तन उनमें से नहीं है। कहा कि कीर्तन श्रवण हमें अतीत की याद दिलाती है। मनोभाव के साथ कीर्तन श्रवण करने से हमारे मन में बुरे कर्म करने व सोचने की निवृत्ति प्राप्त होती है। भगवान की भक्ति व सद्कर्मों की ओर चलने की प्रेरणा मिलती है। कुंजविलास के दिन श्रीकृष्ण अपने बाल शाखाओं के साथ माता यशोदा के पास मनिहारी रूप बनाकर माखन मांगने व माता यशोदा के रसोई भंडार खाली करने के प्रसंग को झांकी के साथ दिखाया गया। इस हरिनाम संकीर्तन में चार पाड़ा समेत दर्जनों गांवों के श्रद्धालु स्रोताओं की भीड़ उमड़ी। कीर्तन के समापन के पश्चात खिचड़ी प्रसाद का वितरण किया गया। भक्तों के लिए पंडाल व बैठने की व्यवस्था जेरूवा खिलकनाली निवासी नरेश रजक ने किया ।
Editor -
केसरीनाथ यादव, दुमका
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- राजीव कुमार (Editor-in-Chief)
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