इस्तांबुल: इस्तांबुल के मेयर एकरेम इमामोग्लू की गिरफ्तारी के बाद तुर्की के सबसे बड़े शहर में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं। राष्ट्रपति एर्दोगन के प्रमुख प्रतिद्वंद्वी माने जाने वाले इमामोग्लू की गिरफ्तारी से शहर में तनाव का माहौल है।
गिरफ्तारी और आरोप
इमामोग्लू और अन्य लोगों पर भ्रष्टाचार, जबरन वसूली और धोखाधड़ी सहित कई आरोप लगाए गए हैं। उन पर कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी (पीकेके) की सहायता करने का भी संदेह है, जिसे तुर्की एक आतंकवादी संगठन मानता है।
जनआंदोलन और प्रतिक्रिया
हजारों लोग सड़कों पर उतर आए हैं और आरोपों को "गैरकानूनी" और "आधारहीन" बता रहे हैं। वे इस गिरफ्तारी को लोकतंत्र पर एक बड़ा हमला मान रहे हैं। प्रदर्शनकारियों ने सरकार के खिलाफ नारे लगाए और इमामोग्लू की रिहाई की मांग की।
सरकारी प्रतिक्रिया
सरकार ने विरोध प्रदर्शनों को दबाने के लिए सख्त कदम उठाए हैं। सड़कों को बंद कर दिया गया है, सोशल मीडिया पर प्रतिबंध लगा दिया गया है और चार दिनों के लिए प्रदर्शनों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। दंगा पुलिस सड़कों को अवरुद्ध कर रही है।
राजनीतिक संदर्भ
यह गिरफ्तारी विपक्षी नेताओं पर व्यापक कार्रवाई के बीच हुई है, जिसे राजनीतिक रूप से प्रेरित माना जा रहा है। इमामोग्लू की स्नातक की डिग्री भी रद्द कर दी गई है, जो पद धारण करने के लिए एक आवश्यक योग्यता है। रिपब्लिकन पीपुल्स पार्टी (CHP) ने एर्दोगन पर इमामोग्लू को चुनावों में हारने के डर से निशाना बनाने का आरोप लगाया है और गिरफ्तारी को "तख्तापलट का प्रयास" बताया है।
सरकार का बचाव
तुर्की के न्याय मंत्री ने जोर देकर कहा कि अदालतें स्वतंत्र रूप से काम करती हैं और राजनीतिक प्रेरणा के आरोपों को "खतरनाक और गलत" बताया है।
अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रिया
यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने चिंता व्यक्त की और तुर्की को एक यूरोपीय संघ के उम्मीदवार देश के रूप में लोकतांत्रिक मूल्यों को बनाए रखने के अपने दायित्व की याद दिलाई।
आगे की स्थिति
इस्तांबुल में तनाव अभी भी बना हुआ है और आने वाले दिनों में और अधिक विरोध प्रदर्शन होने की संभावना है। यह गिरफ्तारी तुर्की में लोकतंत्र और मानवाधिकारों को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चिंता का विषय बन गई है।
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