मॉस्को/कीव: रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कुर्स्क क्षेत्र में मौजूद यूक्रेनी सैनिकों से हथियार डालकर आत्मसमर्पण करने का आह्वान किया है। यह आह्वान पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की उस अपील के बाद आया है, जिसमें उन्होंने यूक्रेनी सैनिकों का जीवन बचाने के लिए पुतिन से आग्रह किया था। ट्रम्प ने दावा किया था कि हजारों यूक्रेनी सैनिक रूसी सेनाओं द्वारा घिरे हुए हैं और उन्होंने पुतिन से "भयानक नरसंहार" को रोकने का अनुरोध किया था।
पुतिन की शर्तें:
पुतिन ने कहा कि यदि यूक्रेनी सैनिक अपने हथियार डाल देते हैं और आत्मसमर्पण करते हैं, तो उन्हें अंतरराष्ट्रीय कानून और रूसी कानूनों के अनुसार जीवन और उचित उपचार की गारंटी दी जाएगी। हालांकि, यूक्रेन ने कुर्स्क में अपनी सेनाओं के घिरे होने से इनकार किया है और ऐसे दावों को रूसी प्रचार बताया है।
युद्धविराम वार्ता:
यह स्थिति रूस और यूक्रेन के बीच अमेरिका द्वारा सुगम बनाए गए व्यापक युद्धविराम वार्ता का हिस्सा है। ट्रम्प ने 30 दिनों के युद्धविराम का प्रस्ताव दिया है, जिसे यूक्रेन ने स्वीकार कर लिया है, लेकिन रूस की प्रतिबद्धता अनिश्चित बनी हुई है। पुतिन ने यूक्रेनी लामबंदी और पश्चिमी सैन्य सहायता को रोकने सहित युद्धविराम के लिए शर्तें निर्धारित की हैं।
प्रतिक्रियाएं और निहितार्थ:
- यूक्रेनी प्रतिक्रिया: यूक्रेन के नेतृत्व ने आत्मसमर्पण के विचार को खारिज कर दिया है, पुतिन की मांगों को अवास्तविक और यूक्रेन के निरस्त्रीकरण की मांग के बराबर बताया है।
- अंतर्राष्ट्रीय दबाव: यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने अमेरिका से रूस पर बिना शर्त युद्धविराम स्वीकार करने के लिए दबाव डालने का आग्रह किया है।
- कूटनीतिक प्रयास: इन तनावों के बावजूद, कूटनीतिक प्रयास जारी हैं, ट्रम्प ने पुतिन के साथ हालिया चर्चाओं को "बहुत अच्छा और उत्पादक" बताया है। हालांकि, रूस द्वारा निर्धारित परस्पर विरोधी मांगों और शर्तों के कारण स्थायी शांति का मार्ग अनिश्चित बना हुआ है।
कुर्स्क क्षेत्र में जारी तनाव और युद्धविराम को लेकर रूस और यूक्रेन के बीच चल रही वार्ता पर पूरी दुनिया की नजर बनी हुई है।
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