भारत में वायु प्रदूषण की समस्या गंभीर बनी हुई है, और अधिकांश शहर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा निर्धारित वायु गुणवत्ता मानकों को पूरा करने में विफल रहे हैं। असम का बिरनिहाट वर्तमान में भारत का सबसे प्रदूषित शहर है, जहां जनवरी 2025 में PM2.5 का स्तर 214 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर दर्ज किया गया, जो WHO के दैनिक सुरक्षित मानक 15 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर से काफी अधिक है।
मुख्य बिंदु:
- वायु गुणवत्ता मानक:
- WHO के मानकों के अनुसार, बहुत कम भारतीय शहर ही दैनिक PM2.5 सुरक्षित मानक 15 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर को पूरा कर पा रहे हैं।
- कई शहरों में PM2.5 का स्तर भारत के राष्ट्रीय वायु गुणवत्ता मानक 60 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर से भी अधिक है।
- बिरनिहाट की स्थिति:
- जनवरी 2025 में बिरनिहाट में PM2.5 का स्तर 214 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर दर्ज किया गया, जिसमें 21 दिन 'बहुत खराब' और 9 दिन 'गंभीर' श्रेणी में रहे।
- दिल्ली की स्थिति:
- दिल्ली भी प्रदूषण की समस्या से जूझ रहा है, जहां जनवरी 2025 में PM2.5 का स्तर 165 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर था।
- दिल्ली ने 23 दिन 'बहुत खराब' और 3 दिन 'गंभीर' श्रेणी में बिताए।
- राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (NCAP):
- भारत सरकार ने 2019 में NCAP शुरू किया, जिसका उद्देश्य 2026 तक PM10 स्तर में 40% की कमी लाना है।
- इस कार्यक्रम को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
आगे की कार्रवाई:
- वायु प्रदूषण को कम करने के लिए सरकार और नागरिकों को मिलकर काम करने की आवश्यकता है।
- इसमें वाहनों के उत्सर्जन को कम करना, औद्योगिक प्रदूषण पर नियंत्रण, और पराली जलाने जैसी प्रथाओं को रोकना शामिल है।
- NCAP के तहत शहरों को वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है।
भारत में वायु प्रदूषण एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है, और इसे कम करने के लिए तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता है।
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